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आदर्श कन्या इण्टर कॉलेज, गोविन्दपुरी, मोदीनगर


विद्यालय का परिचय


तमसो मा ज्योतिर्गमय्

“सद्भाव पूर्ण परिवेश मिले,

हर प्रतिभा पुष्पित होती है।

इस उपवन का हर पुष्प खिले,

अभिलाषा अशेष हमारी है।

इसी भावना के परिपेक्ष में एक सफल एवं उन्नति शील राष्ट्र हेतु आदर्श विद्यालय एवं आदर्श शिक्षकों की अतिशय आवश्यकता होती है इसके साथ ही यह भी ध्यान देने योग्य है कि यदि आप एक आदमी या बालक को शिक्षित करते हैं तो मात्र एक आदमी को ही शिक्षित कर पाएंगे किंतु यदि आप एक बालिका को शिक्षित करते हैं तो एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित कर देंगे |

उपरोक्त विचार को ध्यान में रखते हुए स्वराष्ट्र भारतवर्ष को एक विकसित राज्य की श्रेणी में देखने की लालसा रखने वाले संपूर्ण समाज को बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा | सौभाग्य से हमारी सरकार व समाज इस दिशा में विशेष जागरूक है |

सन 1947 ई0 में आजादी एवं भारत-पाक विभाजन के पश्चात भारत सरकार के पुनर्वास विभाग द्वारा गोविंद पुरी कॉलोनी समस्त विस्थापितों के लिए बनाई गई थी | उन विस्थापितों की बालिकाओं की शिक्षा व्यवस्था के लिए स्थानीय व्यक्तियों के अथक प्रयास द्वारा “आदर्श शिक्षा” केंद्र नाम से एक सोसाइटी बनाई गई तथा उसका रजिस्ट्रेशन 20 जून 1957 को हुआ | इस सोसाइटी ने आदर्श कन्या विद्यालय की स्थापना की तथा तदुपरान्त सन 1959 में विद्यालय को जूनियर हाई स्कूल की मान्यता, सन 1962 में हाईस्कूल की मान्यता तथा सन् 1970 में इंटरमीडिएट की मान्यता प्राप्त हुई | यह सब विद्यालय के अच्छे परीक्षा परिणाम एवं कुशल प्रबंध समिति के प्रयासों का ही फल था |

यू० पी० बोर्ड से संबंधित यह विद्यालय नगर का एकमात्र ऐसा विद्यालय हैं जहां छात्राओं के लिए हिंदी माध्यम से इंटरमीडिएट में कला विज्ञान एवं वाणिज्य तीनो ही वर्गो की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं | प्रबंध समिति के कुशल व समर्पित मार्गदर्शन में शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अथक प्रयास से यह विद्यालय निकटवर्ती समस्त क्षेत्र की बालिकाओं को शिक्षित व संस्कारित कर निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है और संस्कारित बनाकर जनपद में अपने गरिमामई नाम को भी सार्थक कर रहा है |



विद्यालय भवन

विद्यालय में इंटरमीडिएट स्तर तक कला, विज्ञान तथा वाणिज्य वर्गो की शिक्षा का समुचित व्यवस्था है। 25 कक्षों का विशाल भवन, खेलकूद के लिए विशाल प्रांगण, आधुनिक उपकरणों तथा साज-सज्जा से युक्त भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान विषयों की प्रयोगशाला, भव्य पुस्तकालय एवं वाचनालय, विभिन्न विषयों के अध्यापन हेतु पृथक -कक्ष, विस्तृत एवं सुरम्य क्रीडा स्थल सुनिर्मित प्रांगण इस संस्था की अपनी शोभा है। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, प्रयोगशाला जनपद में अपना अतुल्य स्थान रखती है। विद्यालय के कलाकक्ष एवं संगीत कक्ष की अपनी अलग शोभा है |

इस विद्यालय में शिक्षण उद्देश्यों के लिए 25 कक्ष हैं। सभी कक्षों की स्थिति ठीक है। इसमें गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अन्य कक्ष हैं। विद्यालय में प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के लिए अलग कक्ष है। विद्यालय में पक्की चाहरदीवारी है। विद्यालय में विद्युत एवं जनरेटर की समुचित व्यवस्था है। विद्यालय में पुरुष और महिला शौचालय अलग अलग है। विद्यालय में एक पुस्तकालय है जिसमें 1000 से अधिक पुस्तकें हैं ।

वर्तमान में छात्राओं की संख्या लगभग 1750 है | विद्यालय में शिक्षा का माध्यम हिंदी है। विद्यालया में शैक्षणिक सत्र अप्रैल से मार्च तक रहता है।

विद्यालय के सभी कक्ष सीसीटीवी युक्त है । छात्राओं के बैठने के लिए फर्नीचर एवं पंखों का समुचित प्रबन्ध है । विद्यालय में प्रॉजेक्टर की सुविधा उपलब्ध है । विद्यालय में पेयजल का स्रोत RO है । विद्यालय प्रांगण में ही खेलकूद का प्रबंध है । विकलांग छात्राओं के लिए कक्षाओं तक पहुंचने के लिए विद्यालय में रैंप की व्यवस्था है।

विद्यालय में छात्राओं के बैठने के लिए कॉमन हाल की वयवस्था है| विद्यालय में प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था है |